- जुआँ
बन्दर की तरह
आपस में, माँ–बेटी
देखते–देखते जुआँ
एक षड़यन्त्र रच देती हैं,
दहेज के नाखूनों पर
जुआँ की तरह
बहू को,
मसल देती हैं !
***
- पानी
पानी बचाओ
पानी बचाओ
का डंका,
आदमी बजा रहा है,
पानी बचाने वाला
सिर्फ,
पसीने से नहा रहा है !
***
- मेहनत
निराई–गुड़ाई में
वर्षों की
फसल पैदा करता है,
आज आदमी
खेत में नहीं,
चुनाव में मेहनत
करता है !
***
-रमेश कुमार भद्रावले
3 comments:
Aapki kavitain achchi hain. net per aapki kavitayin padkar bahut achcha lag raha hai. vishesh rup se PAANI bali kavita ke to kahne hi kya.......!!!!! Vaah.....!!
Aapki aur kaviyain kahan padne ko milengin??
R.V.Ramole, singapur
Aapki pratikrya ke liye dhanybad.
-Rameskumar bhadrawale
kavtain kafi achchi hi. is paryas kay liay aap ko bahut bahut badhiya.
Post a Comment