क्षणिका
राहत 👹
""""""""""
नव-रात्रि, में
हे, - माँ
कुछ ऐसा शंखनाद,
हो जावे,
समूचे विश्व की
बड़ी आपदा,
कोरोना का
संहार हो जावे!
-रमेशकुमार भद्रावले
हरदा (म०प्र०)
नोट :- है माँ, कोरोना रूपी राक्षस को खत्म कर, दुनिया को राहत प्रदान कर
No comments:
Post a Comment